चंदौसी। चंदौसी के तिहरे हत्याकांड में तीसरे दिन भी पुलिस के हाथ खाली हैं लेकिन समय के साथ ही पुलिस के शक की सुई केसर सिंह के परिचितों पर केंद्रित हो रही है। क्योंकि यह अब माना जाने लगा है कि केसर सिंह ने ही दरवाजा खोला था, उसी का कोई परिचित रहा होगा। वहीं दूसरी ओर पुलिस उनके परिजनों से भी पूछताछ कर रही है। दो टीमों को बुलंदशहर भेजा गया है।तिहरे हत्याकांड को तीन दिन गुजरे गए। लेकिन हत्यारे अभी भी पुलिस की पकड़ से दूर हैं। यूं तो पुलिस कई लाइनों पर कार्य कर रही है। इस बात से भी इनकार नहीं किया जा सकता कि इसमें किसी परिचित ने भाड़े के हत्यारों का इस्तेमाल किया हो। लेकिन समय के साथ-साथ पुलिस के शक की सुई अब केसर सिंह के इर्दगिर्द व उसकी संपत्ति पर केंद्रित होती जा रही है। यह भी जानकारी भी मिली है कि केसर सिंह खाने पीने का शौकीन था।
वह सामने ठेले वालों के पास अक्सर बैठकर पीता खाता था। इस पर पुलिस ने ठेले वालों व उससे मिलने वालों से पूछताछ की। इसी मकान में कुछ दिन पहले काम करने वाले कारपेंटर को भी बुलाकर पूछताछ की। परिस्थितिजन्य साक्ष्यों से पुलिस यह भी मानने लगी है कि शायद हत्यारा केसर सिंह का कोई खास परिचित था। जिसे आई होल से देखने के बाद केसर सिंह ने दरवाजा खोला।
यह भी हो सकता है कि परिचित शहर का ना होकर कहीं दूर का हो। शायद इसीलिए घर में नॉनवेज की व्यवस्था की होगी। संतोष सिंह व प्रीति दोनों अलग लेटे थे। इस बात से भी लगता है कि मेहमान नवाजी में केसर सिंह ही लगा था। यही सब कारण है कि पुलिस के शक की सुई केसर सिंह पर केंद्रित होती जा रही है। हालांकि पुलिस अधिकारी अभी पुष्टि तो नहीं कर रहे हैं लेकिन एक बड़ी वजह यह भी चर्चा में हैं कि केसर सिंह बुलंदशहर के जेवर क्षेत्र के शाहपुर गांव का रहने वाला था।
जेवर भी हवाई पट्टी व किसी सरकारी कार्य के लिए जो जमीन अधिगृहीत की गई है, उसमें केसर सिंह के नाम की दस बीघा जमीन भी आ गई है, जिसका मुआवजा कई लाख मिलने की संभावना है। केसर सिंह अपनी पत्नी, बच्चों को तो पहले ही छोड़ चुका है, अपने भाइयों से भी कोई वास्ता नही रखता था। क्योेंकि केसर सिंह, संतोष सिंह की बेटियों को ही अपनी बेटी मानता था।
इसलिए इस बात की भी पूरी संभावना थी कि वह शाहपुर की अपनी जमीन व मिलने वाली मुआवजे की लाखों की धनराशि को भी संतोष सिंह की बेटियों को ही दे देता। इस संभावना ने भी पुलिस का ध्यान केसर सिंह के परिजनों को ओर केंद्रित किया है। बताते हैं कि केसर सिंह के एक परिजन से पूछताछ भी की जा रही है। हालांकि अभी पुलिस कुछ बताने को तैयार नहीं है।
रक्तरंजित छुरी बरामद, इसी से रेता गया तीनों का गला
चंदौसी।
शहर कोतवाली पुलिस ने अवकाश से लौटे पुलिस क्षेत्राधिकारी डा. केके सरोज के साथ दिनभर घटना स्थल का बारीकी से निरीक्षण किया। संतोष सिंह के मकान के सभी कमरों को खुलवाकर तलाशी ली गई तो उसमें वह छुरी भी बरामद की गई, जो खून से सनी हुई है। संभवत इसी सब्जी काटने की छुरी से संतोष सिंह, केसर सिंह व प्रीति की गर्दन रेती गई। इतनी पतली छुरी से गर्दन काटना तभी संभव है, जब कोई पहले से ही मरा हो। जाहिर है कि पहले तीनों को हथौड़ों के प्रहार कर मार दिया गया। कहीं वह जीवित न बच जाएं, मौत सुनिश्चित करने के लिए उनकी गर्दनें रेती गईं। यहां एक हैंगर भी मिला है, जिस पर खून के निशान हैं।
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सभी बिंदुओं पर जांच की जा रही है। अभी कोई ठोस साक्ष्य नहीं मिले हैं। पुलिस के पास कई लाइनें हैं, जिन पर लगातार कार्य किया जा रहा है। स्थानीय स्तर पर भी लगातार पूछताछ की जा रही है। उम्मीद ही कि शीघ्र ही सार्थक परिणाम सामने आएंगे। तिहरे हत्याकांड का खुलासा शीघ्र किया जाएगा। कई टीमें लगातार कार्य कर रही हैं।
-पंकज कुमार पांडेय, अपर पुलिस अधीक्षक, संभल।
तीसरे दिन भी नहीं मिला तिहरे हत्याकांड का सुराग, केसर के परिचितों पर अटकी शक की सुई